Thursday, February 17, 2011

Hindi ka Samvaad I

Pragyan Samvaad  
A  Weekly Inter face
"संबंधɉ का संवाद"
संवाद का यह अंक 'Ǒहंद-Ǒहंदȣ और हम'को समǒप[त है | यह अंक
Ǒहंदȣ भाषा के समृƨ, सुघड़ और सरस साǑहǔ×यक व åयवहाǐरक Ǿप
को भी समǒप[त है | यह अंक, भारत कȧ राƶभाषा 'Ǒहंदȣ' के माÚयम से
Ĥ£ान कȧ अिभåयǒƠ है |
इस अंक मɅǒवशेष :
 मेरȣ Ǒहंदȣ (कǒवता) सुिमत बुधन
 वÛदेमातरम - बंǑकमचंġ चÒटोपाÚयाय
 कǒवतायɅ
Ǒहंदȣ सƯाह के उपलêय मɅ, Ǒहंदȣ िशǔ¢काओं का सÛदेश :
Įीमती पूनम शमा[ : Ǒहंदȣ हमारȣ राƶ भाषा है | हमɅइस पर गव[है | Ǒहंदȣ
कȧ िलǒप देवनागरȣ है | हम अपनी राƶ भाषा का Ǒकतना भी गुणगान करɅ,
हमेशा हȣ कम लगता है | हमɅनाज़ हैअपनी Ǒहंदȣ पर Ǒहंद पर |
राƶ -भाषा उतनी हȣ आदरणीय हैǔजतनी हमारȣ जननी इसिलए
इसे सàमान दɅ और अपनाये|
मीना¢ी सÈसेना (Ǒहंदȣ ǒवभाग)Ǒहंदȣ हमारȣ राƶ भाषा है | हमɅइस पर गव[है | Ǒहंदȣ कȧ िलǒप देवनागरȣ है
हम अपनी राƶ भाषा का Ǒकतना भी गुणगान करɅ, हमेशा हȣ कम लगता है
| मारȣशस मɅरहनेवालेसुिमत बधुन नेǑकतना सहȣ कहा हैहमारȣ Ǒहंदȣ के
बारेमɅ :
मेरȣ ǑहÛदȣ
मेरȣ Ǒहंदȣ नहȣं िभखाǐरणी
Úयान सेसुन लो यह वाणी |
मेरȣ Ǒहंदȣ नहȣं िभखाǐरणी
इसनेबाँटȣ सबको खुशहाली
इसनेबाँटȣ खेतɉ को हǐरयाली,
इसनेदȣ हमको आज़ादȣ,
इसनेदȣ हमको समृǒƨ'
Ǒहंदȣ बनाती हमको èवािभमानी,
Úयान सेसुन लो यह वाणी |
मेरȣ Ǒहंदȣ नहȣं िभखाǐरणी |
 Ǒहंदȣ करती सबकȧ भलाई,
Ǒहंदȣ हैहम सबकȧ बड़ाई,
Ǒहंदȣ नहȣंकरती जुदाई,
Ǒहंदȣ नहȣंकरती लड़ाई,
Ǒहंदȣ हैबड़ȣ कãयाणी,
Úयान सेसुन लो यह वाणी |
मेरȣ Ǒहंदȣ नहȣं िभखाǐरणी |
Ǒहंदȣ हैमेरेपूव[जɉ कȧ शǒƠ,
Ǒहंदȣ हैजन-मन कȧ Đांित,
Ǒहंदȣ हैदेश कȧ शाǔÛत,Ǒहंदȣ नहȣंफै लाती ħाǔÛत,
Ǒहंदȣ हैपूजा कȧ अिधकाǐरणी,
Úयान सेसुन लो यह वाणी,
मेरȣ Ǒहंदȣ नहȣं िभखाǐरणी |
 Ǒहंदȣ बनी रामायण कȧ सीता ,
सुनती रहȣ हैधोबी कȧ कटुता,
Ǒहंदȣ बनी ġोपदȣ कȧ साडȣ,
राजसभा मɅबैठेसभी अनाड़ȣ,
Ǒहंदȣ हमेशा करती क़ु रबानी,
Úयान सेसुन लो यह वाणी
मेरȣ Ǒहंदȣ नहȣं िभखाǐरणी |
 बड़ȣ हȣ ǔजÛदा Ǒदल है मेरȣ Ǒहंदȣ,
मुहÞबत के काǒबल हैमेरȣ Ǒहंदȣ,
पूवɍजो कȧ अǔèमता हैमेरȣ Ǒहंदȣ,
सभाओं कȧ सßयता हैमेरȣ Ǒहंदȣ |
अंधेरɉ का उजाला हैमेरȣ Ǒहंदȣ,
मधुरता  का Üयाला हैमेरȣ Ǒहंदȣ,
भावनाओं कȧ रानी हैमेरȣ Ǒहंदȣ,
चेतना का मान हैमेरȣ Ǒहंदȣ,
जन-आÛदोलन कȧ जान हैमेरȣ Ǒहंदȣ,
èवंतÛğता कȧ पुजाǐरन हैमेरȣ Ǒहंदȣ,
शांित-Ĥदायनी हैमेरȣ Ǒहंदȣ,
सÍचाइयɉ कȧ महारानी हैमेरȣ Ǒहंदȣ,
हरदम चढ़ती क़ु रबानी हैमेरȣ Ǒहंदȣ,ǒवƳ-बंधुता कȧ भाषा हैमेरȣ Ǒहंदȣ,
मानव-मूãयɉ कȧ पǐरभाषा हैमेरȣ Ǒहंदȣ,
मेरेइƴदेव कȧ पूजा हैमेरȣ Ǒहंदȣ,
मेरेपुÖय का Ǒहèसा हैमेरȣ Ǒहंदȣ,
रातɅ
                            अंधेरȣ èयाह काली रातɅ ,
                            हमारे जीवन मɅ आ कर ,
हौले से थपथपा कर हमɅ जगाकर ,
शायद ये हȣ सÛदेश दɅ जाती है,
                             Ǒक हर रात कȧ सुबह होती है |
                                  उजलɅǑदनɉ मɅजीना तो ,
                                  सभी को भाता है ,
                                  लेǑकन èयाह रातɉ को काटना ,
                                   कहाँ सभी को आता है |
                           इसीिलए येèयाह काली रातɅ ,
                          उन उजलɅǑदनɉ सेतो अÍछȤ है ,
                          कम सेकम जीनɅ के िलए,
                          Ĥेǐरत तो करती है |            
               मीना¢ी सÈसेना
'वÛदेमातरम' कǒवता हमारेसम¢ उÏÏवल भारत कȧ तèवीर Ĥèतुत
करती है | इसको पढनेसेहमारेमन के सभी ǒवचार िनम[ल और शुƨ हो
जातेहɇ | एक ऐसेभारत का सपना ǔजसेन जानेǑकतनेहȣ लोगɉ नेदेखा है
इस कǒवता को पढ़कर साकार हो उठता है | इस कǒवता के माÚयम सेǒवƭाथȸ अपनेदेश के  वत[मान और भǒवçय को संवारनेमɅअपना योगदान
देसकɅ गे |
हेमलता ( क¢ा अÚयाǒपका ) पांचवी " अ " कȧ तरफ सेआप सभी
ǒवƭािथ[यɉ को Ǒहंदȣ Ǒदवस के शुभ अवसर पर यहȣ सÛदेश हैǑक आप सभी
Ǒहंदȣ को अपना गव[मानɅऔर उसके सàमान दɅ | Ǒहंदȣ हमारȣ माğभाषा हȣ
नहȣं पूरेभारत वष[के मन मɅबसनेवाली भाषा है , ǔजसेआम åयǒƠ ने
अपनाया है | आप सभी को इसके इèतेमाल मɅगव[महसूस करना चाǑहए |
जय Ǒहंदȣ
वÛदेमातरम
बंǑकमचंġ चÒटोपाÚयाय
" वÛदेमातरम
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम
शèयæयामला मातरम
शुħ Ïयो×सना - पुलǑकत यािमनीम
फु ãलकु सुिमत - ġुमदलशोिभनीम
सुहािसनीं सुमधुरभाǒषणीम
सुखदां , वरदां मातरम ||
वÛदेमातरम ...
सƯकोǑटकं ठ - कलकल - िननादकाले,
ǑƮसƯकोǑट भुजेध[त खरकरवाले,
अबला के नो माँतुिम एतो वले!
बहुबलधाǐरिनम नमािम ताǐरणीम ,
ǐरपुदलवाǐरिनम मातरम ,
वÛदेमातरम ...
तुिम ǒवƭा , तुिम धम[
तुिम हǐर, तुिम कम[×वं Ǒह Ĥाण: शरȣरे|
बाहते ु तुमी मां शǒƠ ,
तोमारई Ĥितभा गडȣ मंǑदरे- मंǑदरे|
×वं Ǒह दगा[ ु दशĤहरण धाǐरणी ,
कमला कमल - दल - ǒवहाǐरणी
वाणी ǒवƭादाियनी नमािम ×वां
नमािम कमलां , अमलां , अतुलाम
सुजलां , सुफलां , मातरम
वÛदेमातरम ||
æयामलां , सरलां , सुǔèमतां , भूǒषताम
धरणी , भरणी , मातरम ||
वÛदेमातरम ...|| "

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